Navratri janiya es navratri kaise karni ha pooja
Navratri 2021 : 7 अक्टूबर, 2021 से शारदीय नवरात्र शुरू हो गाए हैं। नवरात्रि के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है। मां के हर रूप का महत्व अलग है। इस साल तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ने से नवरात्रि का पर्व 8 दिनों का ही होगा। 14 अक्टूबर को महानवमी का और 15 अक्टूबर को दशहरा का पावन पर्व मनाया जाएगा। आइए जानते हैं मां के 9 रूपों के बारे में
- 7 अक्टूबर को मां के प्रथम रूप की पूजा की गई। मां के प्रथम रूप को "माता शैलपुत्री" के नाम से जाना जाता है। मां शैलपुत्री के दाएं हाथ में त्रिशूल रहता है और बाएं हाथ में मां ने कमल धारण किया हुआ है। मां का वाहन बैल है, इसलिए मां शैलपुत्री को वृषभारूढा के नाम से भी जाना जाता है।
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मां का दूसरा रूप : देवी ब्रह्मचारिणी
- 8 अक्टूबर को मां के दूसरे रूप की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा के दूसरे रूप को "देवी ब्रह्मचारिणी" के नाम से जाना जाता है। मां ब्रह्मचारिणी दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमण्डल लिए हुई हैं।
मां का तीसरा रूप: मां चंद्रघंटा
- 9 अक्टूबर को मां के तीसरे रूप की पूजा की जाएगी। मां दुर्गा के तीसरे रूप को मां चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है। मां के दस हाथ हैं और मां अस्त्र शस्त्र से सुसज्जित हैं। मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्ध चंद्रमा विराजमान है, जिस वजह से मां का नाम चंद्रघंटा पड़ा।
देवी का चौथा रूप : माता कूष्मांडा
- 9 अक्टूबर को मा दुर्गा के चौथे स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां के चौथे स्वरूप को माता कूष्मांडा के नाम से जाना जाता है। मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं और मां सिंह की सवारी करती हैं। मां के हाथों में चक्र, गदा, धनुष, कमण्डल, कलश, बाण और कमल सुसज्जित हैं।
देवी का पांचवां रूप : माता स्कंदमाता
- 10 अक्टूबर को मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप की पूजा की जाएगी। मां के पांचवें स्वरूप को माता स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है। मां की चार भुजाएं हैं और मां ने अपनी दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से भगवान कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है। मां स्कंदमाता का वाहन सिंह है।
देवी का छठा रूप : मां कात्यायनी
- 11 अक्टूबर को मां दुर्गा के छठे स्वरूप की पूजा की जाएगी। माता के छठे स्वरूप को मां कात्यायनी के नाम से जाना जाता है। मां का रंग स्वर्ण की भांति अन्यन्त चमकीला है और इनकी चार भुजाएं हैं। मां कात्यायनी का वाहन भी सिंह हीं है।
देवी का सांतवां रूप: मां कालरात्रि
- 12 अक्टूबर को मां के सांतवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की जाएगी। मां के सांतवें स्वरूप को माता कालरात्रि के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कालरात्रि तमाम आसुरिक शक्तियों का विनाश करने वाली हैं। मां के चार हाथ और तीन नेत्र हैं। मां का वाहन गधा है।
देवी का आठवां रूप: मां महागौरी
- 13 अक्टूबर को मां के आठवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की जाएगी। मां के आठवें स्वरूप को मां महागौरी के नाम से जाना जाता है। मां का वाहन बैल और इनके चार हाथ हैं। मां का वर्ण सफेद है और इनके आभूषण भी श्वेत रंग के ही हैं।
देवी का नौवां रूप : मां सिद्धिदात्री
- 14 अक्टूबर को मां नौवें स्वरूप की पूजा- अर्चना की जाएगी। मां के नौवें स्वरूप को मां सिद्धिदात्री के नाम से जाना जाता है। मां का वाहन सिंह है और इनके चार हाथ हैं। मां कमल पुष्प पर विराजमन हैं।
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